ऐ मानव तू कैसे रुक रुक सकता है।। ऐ मानव तू कैसे रुक रुक सकता है।।
मनमे अपने फिर नही छुएगा मनमे अपने फिर नही छुएगा
यह गलतफहमी शायद उसके किरदारों को थी ! यह गलतफहमी शायद उसके किरदारों को थी !
यकीन करो वह तुम्हें आखिर जीते दिलाएगा हाँ एक एक दो नहीं ग्यारह बन जाएगा। यकीन करो वह तुम्हें आखिर जीते दिलाएगा हाँ एक एक दो नहीं ग्यारह बन जाएगा।
वो बरसों पुराना मेरे परिवार का छायाचित्र दिल में आज भी भर देता है सुंगधित इत्र। वो बरसों पुराना मेरे परिवार का छायाचित्र दिल में आज भी भर देता है सुंगधित इत्...
मेले लगते हैं अब भी उन चिताओं पे कहना उनका, न भूल जाना हुज़ूर। मेले लगते हैं अब भी उन चिताओं पे कहना उनका, न भूल जाना हुज़ूर।